पीएम मुद्रा योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए की है। जो लोग खुद का काम शुरू करना चाहते है उन्हें फंड को लेकर कोई परेशानी न हो। उसके लिए सरकार 10 लाख का लोन दे रही है। इसके लिए भारत का कोई भी नागरिक अप्लाई कर सकता है। यह लोन नॉन-कॉरपोरेट और गैर-कृषि बिजनेस शुरू करने के लिए दिया जाता है।
लोन कैसे मिलता है
योजना के तहत सरकार तीन कैटेगरी में लोन देती है।
- शिशु लोन: लोन लेने वालों को 50 हजार रुपये तक का लोन दिया जाता है।
- किशोर लोन: इस कैटेगरी में 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है।
- तरुण लोन: इस कैटेगरी में लोन लेने वालों को 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है।
पीएम मुद्रा योजना के पात्रता
- इस लोन के लिए कोई भी 18 से ज्यादा उम्र का भारत का नागरिक आवेदन कर सकता है।
- आवेदन करने वाले व्यक्ति की बैंक डिफॉल्ट हिस्ट्री देखी जाती है, यानि उसने किसी भी लोन का डिफॉल्ट नहीं किया हो।
- आप जिस कारोबार ले रहे है वह कॉरपोरेट संस्था नहीं होनी चाहिए।
- आपका जिस बैंक में खाता है, उसमे मुद्रा लोन के लिए आवेदन कर सकते है।
लोन लेकर बिजनेस कर सकते है
इस योजना के तहत कोई भी बिजनेस कर सकते है जैसे-फल-फ्रूट, दुकानदार, छोटा ढाबा आदि कई बिज़नेस खुल सकते है।
जरुरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- निवास निर्माण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
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- बिजनेस प्लान
- केवाईसी दस्तावेज
- इनकम प्रूफ
मुद्रा लोन के लिए आवेदन कैसे करे
- इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले मुद्रा योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.mudra.org.in पर जाएं।
- इसके बाद आपके सामने कैटगरी होगी, जिसमें शिशु, किशोर और तरुण में से एक चुनना होगा।
- उसके बाद आपके सामने आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसे आपको डाउनलोड करना होगा।
पीएम मुद्रा योजना में पूछे जाने वाले प्रश्न
निजी/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और NBFC लगभग 7-10 कार्य दिवस के भीतर लोन को मंज़ूरी प्रदान करते हैं।
लोन को 3 से 5 साल में ईएमआई के रूप में बैंकों को लौटाना होता है। कारोबारी के पिछले क्रेडिट और कारोबार के टर्नओवर के हिसाब से ब्याज दर या ईएमआई की अवधि तय की जाती है।
अगर आप मुद्रा लोन चुकाने में असफल रहते है, तो आपकी प्रॉपर्टी बैंक या फाइनेंस कंपनी अपने नाम कर लेगी। उसके बाद आपको प्रॉपर्टी की नीलामी होगी, जिससे उनके लोन का पैसा वापस आ जाता है।
मुद्रा ऋण योजना के अंतर्गत न्यूनतम ऋण राशि नहीं है
10 लाख रुपए तक का ऋण लगभग 35% सब्सिडी के साथ उपलब्ध कराया जाता है। ताकि गैर कृषि क्षेत्र में लगे उद्यमियों की आय में वृद्धि हो सके।
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